वो मेरे पति का दोस्त था… पर मेरा कुछ और बन गया!
कभी-कभी ज़िंदगी हमें ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती है, जहाँ सही और ग़लत की लकीर धुंधली हो जाती है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं अपने पति के सबसे करीबी दोस्त को उस नज़र से देखूंगी, जिससे एक पत्नी कभी नहीं देखनी चाहिए। लेकिन जो हुआ, वो मैं छुपा नहीं …