कॉलेज का दौर हर किसी के लिए खास होता है — नए दोस्त, नए अनुभव, और कभी-कभी… कुछ अनकहे जज़्बात।
यह वो समय होता है जब हम किताबों से ज़्यादा ज़िंदगी से सीखते हैं। लेकिन क्या हो जब दिल किसी ऐसे से लग जाए, जो सिर्फ पढ़ाने के लिए बना हो?
यह तीन कहानिया ऐसी है जो आपको अंत तक पढ़ने के बाद चौका देगी। पहली कहानी रुचि और उसका सीक्रेट बॉयफ्रेंड की है, दूसरी नेहा का डबल अफेयर की है और आखरी प्रियंका और उसके लेक्चरर के बीच सीक्रेट नजदीकियाँ ये तीनो कहानिया अंत तक जरूर पढ़े।
1. रुचि और उसका सीक्रेट बॉयफ्रेंड – जब दोस्ती से आगे बढ़ गया रिश्ता

रुचि एक मिडिल क्लास परिवार की सीधी-सादी लड़की थी। कॉलेज में उसका फोकस सिर्फ पढ़ाई और करियर पर था। लेकिन जैसे-जैसे सेकंड ईयर आया, उसकी दोस्ती अर्जुन नाम के लड़के से गहरी होने लगी। दोनों एक ही ग्रुप में थे, हँसी-मजाक करते, प्रोजेक्ट्स साथ करते और हर दिन थोड़ा और करीब आते गए।
रुचि ने कभी किसी लड़के से ज्यादा बात नहीं की थी, लेकिन अर्जुन में कुछ ऐसा था जो उसे खींच रहा था। अर्जुन भी उसकी मासूमियत से आकर्षित था। धीरे-धीरे उनके बीच स्पेशल चैट्स, रात के कॉल्स, और टच में छुपा इमोशन बढ़ने लगा।
एक दिन जब पूरा ग्रुप कॉलेज ट्रिप पर गया, वहाँ एक मौका आया जहाँ सब डांस कर रहे थे और मस्ती में थे। अर्जुन ने रुचि को एक कोने में ले जाकर कहा – “मुझे नहीं पता तुझे कब पसंद करने लगा, पर अब तुझसे दूर नहीं रह सकता।” रुचि पहले तो चुप रही, लेकिन उसकी आँखों में सब कुछ साफ था।
उस दिन के बाद, उनका रिश्ता गुप्त रूप से आगे बढ़ा। कॉलेज में दोनों सामान्य व्यवहार करते लेकिन जैसे ही क्लास खत्म होती, वो साथ होते — लाइब्रेरी के पीछे, कैंटीन के कोने में, या कभी-कभी एक-दूसरे के रूम में।
रुचि जानती थी कि घरवालों को ये रिश्ता मंजूर नहीं होगा। इसलिए उसने ये रिश्ता छुपाकर रखा – एकदम सीक्रेट। अर्जुन उसका पहला प्यार था, और उसके साथ बिताया हर पल उसे नई दुनिया में ले जाता था। बिस्तर की हदें भी उस समय पार हुईं जब भावनाएं कंट्रोल से बाहर हो गईं।
लेकिन ये रिश्ता कॉलेज की चारदीवारी तक ही सीमित था।
कॉलेज खत्म होते ही अर्जुन को जॉब ऑफर मिला और वो शहर छोड़ गया। रुचि ने कभी नहीं बताया कि वो उसके साथ क्या थी। उसकी लाइफ में अब कोई और है – लेकिन अर्जुन उसका “पहला सीक्रेट रिश्ता” बनकर रह गया।
2. नेहा का डबल अफेयर – जब एक रिश्ता छुपाना जरूरी हो गया

नेहा दिखने में स्मार्ट, कॉन्फिडेंट और सोशल थी। वो अपने कॉलेज की सबसे पॉप्युलर लड़कियों में से एक थी — डिबेट, डांस, इंस्टाग्राम, हर जगह उसकी मौजूदगी थी। बाहर से सबको लगता कि उसकी ज़िंदगी एकदम परफेक्ट है, लेकिन उसके दिल में एक सीक्रेट जल रहा था… एक नहीं, दो-दो रिलेशनशिप का।
पहला रिश्ता था उसके कॉलेज मेट वरुण के साथ — जो उसके साथ MBA कर रहा था। वरुण शांत स्वभाव का था, नेहा की बातें चुपचाप सुनने वाला, हर चीज़ में उसकी केयर करने वाला। उनका रिश्ता प्यारा, क्लासिक और सिंपल था।
लेकिन कहानी में ट्विस्ट आया जब नेहा की मुलाकात राहुल से हुई — एक सीनियर जो पहले कैंपस प्लेसमेंट से जॉब में जा चुका था और अब कभी-कभी कॉलेज आता था सेमिनार्स या प्रोजेक्ट्स के लिए। राहुल की पर्सनैलिटी, कॉन्फिडेंस और उसकी बॉडी लैंग्वेज ने नेहा को पहली बार में ही हिला दिया।
राहुल की नज़रे जैसे उसे चुपचाप स्कैन करती थीं। पहली मीटिंग में ही कुछ ऐसा हुआ कि नेहा उसे भूल न सकी।
धीरे-धीरे दोनों की चैट्स शुरू हुईं — रात 11 बजे के बाद, जब वरुण सो चुका होता था। राहुल की बातें सीधी दिल और शरीर दोनों पर असर करती थीं। उसने कभी सीधे कुछ नहीं कहा, लेकिन हर शब्द में इशारे छिपे होते।
फिर एक दिन, राहुल ने उसे होटल में मिलने का न्योता दिया — “सिर्फ कॉफी और बातें”, ऐसा कहकर। नेहा कन्फ्यूज़ थी, लेकिन गई।
उस शाम होटल के कमरे में सबकुछ बदल गया। राहुल की बातों ने उसे जकड़ लिया था। पहली बार नेहा ने अपने कंधों को किसी और के हाथों में महसूस किया, और पहली बार उसने खुद को ऐसा महसूस किया जैसे वो चाही जा रही है — सिर्फ भावनाओं से नहीं, पूरे जिस्म से।
उस दिन के बाद से नेहा दो लोगों के बीच जी रही थी। वरुण से मिलती तो गिल्टी फील होता, राहुल से मिलती तो सारा गिल्ट उड़नछू हो जाता।
एक तरफ सच्चा प्यार, दूसरी तरफ प्यास भरी चाहत।
नेहा जानती थी ये रिश्ता आगे नहीं चलेगा, लेकिन फिर भी वो रुक नहीं पा रही थी।
आखिरकार, एक दिन वरुण ने उसकी चैट्स देख लीं।
नेहा ने सब कबूल किया, लेकिन उसका दिल अभी भी कन्फ्यूज़ था — उसने राहुल से नाता तोड़ दिया, लेकिन आज भी जब अकेले होती है, तो कभी-कभी उसकी आंखें उस होटल वाले कमरे की तरफ लौट जाती हैं… जहाँ उसने पहली बार अपनी सीमाएं तोड़ी थीं।
3. प्रियंका और उसके लेक्चरर के बीच सीक्रेट नजदीकियाँ – जब पढ़ाई से ज्यादा कुछ चल रहा था

प्रियंका एक छोटे शहर की सीधी-सादी लड़की थी, जो अपने पापा के सपनों को पूरा करने के लिए बड़े शहर के कॉलेज में एडमिशन ले चुकी थी। नए माहौल में खुद को एडजस्ट करने में थोड़ा समय लगा, लेकिन जब उसने कॉलेज के इंग्लिश लेक्चरर अभिषेक सर की पहली क्लास अटेंड की, तो कुछ अंदर ही अंदर बदल गया।
सर की आवाज़ में कुछ ऐसा था — गहराई, आकर्षण, और एक रहस्यमयी मुस्कान।
वो हमेशा क्लास में सबसे आगे बैठती, हर शब्द नोट करती, लेकिन उसकी नजरें अक्सर उस सफेद शर्ट के बटन तक टिक जातीं — जहाँ से सर की हल्की सी बॉडी झलकती।
कुछ ही हफ्तों में सर ने भी नोटिस कर लिया था कि प्रियंका बाकी लड़कियों से थोड़ी अलग है — शर्मीली, लेकिन आंखों से बहुत कुछ कहने वाली।
एक दिन, प्रियंका ने प्रोजेक्ट में हेल्प के लिए सर से मिलने की रिक्वेस्ट की।
सर ने कहा, “कॉलेज के बाद घर पर आ सकती हो, वहीं शांति से समझा दूंगा।”
प्रियंका थोड़ी हिचकिचाई, लेकिन किसी अनजानी इच्छा ने उसे हामी भरने पर मजबूर कर दिया।
उस शाम जब वो सर के घर पहुँची, तो माहौल में किताबों की खूशबू के साथ हल्की मद्धम रौशनी और धीमी म्यूज़िक था। अभिषेक सर बिल्कुल वैसे ही पेश आए — प्रोफेशनल, शांत।
लेकिन जैसे-जैसे प्रोजेक्ट की बातें खत्म हुईं, नज़दीकियाँ बढ़ने लगीं।
“तुम्हारी आंखें बहुत कुछ कहती हैं,” सर ने अचानक कहा।
प्रियंका का चेहरा लाल हो गया, लेकिन उसने निगाहें नहीं हटाईं।
“क्या आप कभी सोचते हैं कि स्टूडेंट और टीचर के बीच… कुछ और भी हो सकता है?” प्रियंका ने खुद नहीं सोचा था कि वो ये पूछेगी।
सर थोड़ी देर चुप रहे… फिर बोले, “अगर दो इंसान एक-दूसरे की इज्ज़त करते हैं… और समझते हैं, तो रिश्ते को नाम की जरूरत नहीं।”
उस रात उनके बीच कुछ भी शारीरिक नहीं हुआ — लेकिन जो हुआ, वो हर पहली बार से ज्यादा रोमांचक था।
हाथों की हल्की स्पर्श, पीठ पर सर की ऊँगली की आड़ी-तिरछी लकीरें, और कानों के पास उसकी धीमी सांसें… प्रियंका की नींद उड़ चुकी थी।
अगले कई हफ्तों तक उनका ये रिश्ता चलता रहा — हर बार एक नई किताब, एक नई बहस, और थोड़ी और नजदीकी।
प्रियंका के लिए ये रिश्ता सिर्फ आकर्षण नहीं था — उसे लगता था कि सर उसे वैसा महसूस कराते हैं, जैसा कोई हमउम्र लड़का नहीं कर सका।
लेकिन कॉलेज खत्म हुआ, और जिंदगी आगे बढ़ गई।
आज प्रियंका एक जानी-मानी राइटर है, और जब भी वो प्यार या वासना पर कुछ लिखती है — उसकी कलम अपने-आप उस शख्स की याद में भीग जाती है, जिसे वो सिर्फ “सर” कहती थी।
📌 इस आर्टिकल से क्या सीख मिलती है?
- कॉलेज लाइफ सिर्फ किताबों और एग्ज़ाम्स का नहीं, भावनाओं और अनुभवों का भी दौर होता है।
- हर अफेयर गलत नहीं होता — कुछ रिश्ते सीक्रेट होते हैं, लेकिन सच्चे भी हो सकते हैं।
- उम्र, पद या स्टेटस कभी-कभी भावनाओं के आगे झुक जाते हैं।